भूकंप क्या है? भूकंप कैसे आता है पूरी जानकारी

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की भूकंप क्या है? भूकंप कैसे आता है पूरी जानकारी. आपने भी कभी ना कभी भूकंप के झटके महसूस किये होंगे लेकिन कभी यह जानने का ख्याल आया की भूकंप कैसे आता है. इस सवाल का जवाब बहुत से लोगो को नहीं पता होगा और आज हम इसी सवाल का जवाब विस्तार से जानेंगे. इस पोस्ट में दी हुई जानकारी सिर्फ किसी एग्जाम के लिए ही नहीं यह जानकारी मानव जीवन के लिए भी जरुरी है. अगर आप पृथ्वी ग्रह पर रहते है तो आपको पता होना चाहिए Bhukamp Kya Hai Bhukamp Kaise Aata Hai पूरी जानकारी हिंदी में.

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भूकंप एक प्रकृति आपदा है जो किसी भी समय किसी भी जगह आ सकता है. भूकंप की भविष्यवाणी करना लगभग असंभव है आज भी हम भूकंप की भविष्यवाणी नहीं कर सकते. लेकिन हाँ एक काम हम जरुर कर सकते है की भूकंप किस जगह आया और इसका माप कितना था यह पता लगाया जा सकता है. अगर कोई टेक्नोलॉजी होती जिससे भूकंप की भविष्यवाणी हो पाती तो हर साल लाखों लोगो की मृत्यु कभी नहीं होती.

इस पोस्ट में हम आपको सिर्फ भूकंप की जानकारी नहीं देंगे बल्कि हम यह भी जानेंगे की भूकंप से कैसे बच सकते है. भूकंप किसी भी समय आ सकता है इसलिए अगर हमें अपनी जान बचानी हो तो हमारा यह जानना भी आवश्यक है की भूकंप से बचने के क्या उपाय होते है. तो चलिए इस पोस्ट को शुरू करते है और जानते है भूकंप क्या है भूकंप कैसे आता है पूरी जानकारी हिंदी में.

भूकंप क्या है?

भूकंप जिसे हम भूचाल नाम से भी जानते है यह पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते है. पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है.

यह भूकंप के झटके कभी-कभी इतने विनाशकारी होते है की बहुत से लोगो की जान चली जाती है. अगर भूकंप किसी जगह आया तो इसका मतलब यह नहीं होता की सिर्फ उसी जगह पर नुकसान देखने को मिलेगा. भूकंप जिस भी क्षेत्र में आता है इसका नुकसान आसपास के सभी इलाकों तथा शहरो में भी देखने को मिलता है. भूकंप के झटके कभी आसानी से महसूस हो जाते है तो कभी आपको महसूस ही नहीं होते. यह इस बात पर निर्भर करता है की भूकंप की तीव्रता कितनी है. भूकंप की तीव्रता पता लगाने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है.

भूकंप जैसी आपदा का सामना कोई नहीं करना चाहता लेकिन यह प्राकृतिक आपदा है जिस वजह से हम इसे होने से रोक भी नहीं सकते. बहुत से वैज्ञानिकों ने काफी प्रयास किया की भूकंप की भविष्यवाणी पहले से की जा सके लेकिन हमेशा असफल रहे. वास्तव में भूकंप कब और किस जगह होने वाला है इसका पता लगाना लगभग असंभव है. सिर्फ भूकंप ही नहीं बहुत से ऐसे प्राकृतिक आपदा है जिसका पता कोई नहीं लगा सकता.

भूकंप कैसे आता है?

दुनिया भर में हर साल भूकंप के हजारों छोटे-बड़े झटके महसूस किए जाते है. कुछ लोग इस झटके को महसूस कर पाते है तो कुछ लोगो को पता ही नहीं चलता. कई देशों में बड़े भूकंप के कारण हजारों लोगों की जानें भी जा चुकी है. दुनियाभर के कई इलाकों में जब तेज भूकंप आता है तो बड़े पैमाने पर नुकसान होता है. तो चलिए जानने की कोशिश करते है भूकंप क्या है और कैसे आता है.

धरती मुख्य रूप से चार परतों से बनी है जिनका नाम इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मेंटल को लिथोस्फेयर कहा जाता है. लिथोस्फेयर यह 50 किलोमीटर जितनी मोटी परत होती है. ये परत वर्गों में बंटी है और इन्हें टेक्टोनिकल प्लेट्स कहते हैं. पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही है और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते है. वास्तव में यह प्लेंटे बहुत धीमी गति के साथ घूमती रहती है. इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती है. कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट आ जाये तो दूर हो जाती है. ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती है जिससे भूकंप की उत्पत्ति होती है. भूकंप के दुसरे कारण भी हो सकते है उदहारण के लिए ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग, न्यूक्लियर टेस्टिंग आदि.

जब भूकंप आता है तो न्यूज़ चैनल/अखबार में आपको भूकंप का केंद्र भी बताया जाता है. भूकंप का केंद्र उस सतह को कहा जाता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा महसूस किया जाता है. कंपन अगर ज्यादा दूरी तय करता है तो दूरी के साथ इसका प्रभाव कम होता जाता है. लेकिन अगर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक हो तो इसका प्रभाव आसपास के 40 किमी के दायरे में ज्यादा महसूस किया जाता है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति की दिशा क्या है अगर यह ऊपर की तरफ है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा. दुसरे शब्दों में कहा जाये तो भूकंप की गहराई जितनी ज्यादा होगी सतह पर उसकी तीव्रता उतनी ही कम महसूस होगी.

भूकंप तीव्रता का मापन:

अब बात करते है भूकंप की तीव्रता के बारे में की इसका पता कैसे लगाया जाता है. भूकंप की तीव्रता का साधारण मतलब यही है की इसका प्रभाव कितना है. भूकंप की तीव्रता पता लगाने के लिए वैज्ञानिक रिक्टर स्केल का इस्तेमाल करते है. रिक्टर स्केल पर ऐसा देखा गया है की 5 तक की तीव्रता वाले भूकंप ज्यादा खतरनाक नहीं होते है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है क्षेत्र की संरचना किस प्रकार है. उदहारण के लिए यदि भूकंप का केंद्र नदी का तट पर हो और वहां भूकंपरोधी तकनीक के बिना ऊंची इमारतें बनी हो तो 5 की तीव्रता वाला भूकंप भी खतरनाक हो सकता है.

8.5 तीव्रता का भूकंप 7.5 तीव्रता वाले भूकंप से लगभग 30 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है. रिक्टर स्केल पर 5-5.9 के भूकंप मध्यम दर्जे के होते है और लगभग हर साल इस तरह के 800 झटके महसूस किये जाते है. जबकि 6-6.9 तीव्रता तक के भूकंप बड़े माने जाते हैं तथा साल में 120 बार आते है. 7-7.9 तीव्रता के भूकंप साल में 18 आते है जबकि 8-8.9 तीव्रता के भूकंप साल में एक बार आ सकता है. इनसे भी ज्यादा खतरनाक तीव्रता के भूकंप आ सकते है लेकिन उनकी संभावना कम होती है और 20 साल में एक बार आ सकते है.

भूकंप का कारण:

वैसे तो हम अब तक भूकंप के बार में काफी जानकारी हासिल कर चुके है लेकिन एक बार फिर से भूकंप के सभी कारणों को समझ लेना चाहिए. क्योंकि भूकंप होने का सिर्फ एक ही कारण नहीं होता इसके पीछे दूसरी वजह भी हो सकती है.

  • पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है.
  • ज्वालामुखी तथा भूकंप एक-दूसरे से जुड़े हुए है. प्रत्येक ज्वालामुखी क्रिया के साथ समान्य रूप से भूकंप की उत्पत्ति होती है तथा भूकंप की तीव्रता ज्वालामुखी की तीव्रता पर निर्भर करती है. किन्तु यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक भूकम्पीय क्रिया का कारण ज्वालामुखी हो.
  • कई बार भूकंप का कारण मानव द्वारा कार्य भी हो सकते है उदाहरन के लिए माइन टेस्टिंग, न्यूक्लियर टेस्टिंग आदि. लेकिन इनकी तीव्रता काफी हद तक कम होती है जिससे कोई खास नुकसान नहीं होता.

भूकंप का प्रभाव:

भूकंप क्या है? भूकंप कैसे आता है इस बारे में हम लोग काफी कुछ जान चुके है. लेकिन हमारा यह जानना भी जरुरी है की भूकंप के क्या बाद क्या प्रभाव देखने को मिलते है. वैसे तो भूकंप के सभी दुष्प्रभाव ही होते है लेकिन फिर भी आपको इनके बारे में पता होना चाहिए.

  • भूकंप के कारण बड़े इमारतों को काफी खतरा होता है. भूकंप से होने वाले नुकसान में इमरत पूरी तरह ढह सकता है. आजकल बड़े शहरों में आपको बड़ी इमारतें देखने को मिलती है इसलिए इन जगहों पर खतरा भी अधिक होता है. अगर यह गिरते है तो अपने आस पास मोजूद सभी वस्तु, घर तथा लोगों की मृत्यु का कारण बन सकता है.
  • भूकंप के कारण भूमि फटने का भी डर होता है अगर ऐसा हुआ तो बांधों, पुल (bridges) और परमाणु शक्ति स्टेशनों के लिए बहुत बड़ा खतरा है.
  • किसी भूकंप के बाद लाइन या विद्युत शक्ति के टूट जाने से आग लग सकती है.
  • भूकंप के कारण मिट्टी द्रवीकरण हो सकता है.  मिट्टी द्रवीकरण उसे कहते है जब झटकों के कारण गीली मिट्टी अपनी क्षमता को खो देते है और एक ठोस से तरल में परिवर्तित हो जाता है. मिट्टी द्रवीकरण इतना भयानक हो सकता है की इमारतों और पुलों को द्रवीभूत में झुका या डुबा सकता है.
  • भूकंप से आवश्यक वस्तुओं की कमी, जीवन की हानि, उच्च बीमा प्रीमियम, सामान्य सम्पत्ति की क्षति, सड़क और पुल का नुकसान और इमारतों को ध्वस्त होना, या इमारतों के आधार का कमजोर हो जाना यह सबसे बड़े नुकसान माने जाते है.

भूकंप से कैसे बचे?

अभी तक हम भूकंप के बारे में अच्छे से समझ चुके है लेकिन जब तक इससे बचने के उपाय मालूम ना हो तब तक इस जानकारी को हासिल करने का कोई फायदा नहीं होता. वैसे तो भूकंप के स्थति में आपको अपने मन को शांत रखते हुए बचाव करना होता है लेकिन बचाव कैसे करे हमें खुद पता नहीं होता. इसलिए चलिए जानते है भूकंप से कैसे बचे?

  • जब भी भूकंप के झटके महसूस हो बिना समय बर्बाद किये बिल्डिंग, घर, या अपने कमरे से बाहर खुली जगह में जाये.
  • ऐसी स्थिति में कभी भी लिफ्ट का इस्तेमाल ना करे हमेशा नीचे उतरने के लिए सीढ़ी का प्रयोग करे.
  • अगर घर से बाहर निकलना संभव ना हो तो डेस्क, टेबल, पलंग के नीचे छुप जाये.
  • किसी भी हालत में बड़ी इमारतों के आसपास खड़े ना हो.
  • अपने घर में सभी बिजली से चलने वाली वस्तुओं को बंद कर दे. संभव हो तो अपने घर का बिजली कनेक्शन रोक सकते हो.
  • बाहर निकलने के रास्ते जैसे की खिड़की और दरवाज़ा खुला रखे.

आप इन बातों का अगर सही से ध्यन रखे तो खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है. लेकिन हम भूकंप के खतरे को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते यह हमारे किस्मत पर भी निर्भर करता है की हम किसी भी गंभीर समस्या से बच निकलते है. प्राकृतिक आपदा किसी के बस में नहीं होती लेकिन हम खुद को बचाने की कोशिश जरुर कर सकते है.

Final Words:

तो दोस्तों आज हमने जाना भूकंप क्या है? भूकंप कैसे आता है  पूरी जानकारी हिंदी में. इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको बहुत कुछ सिखने को मिला होगा. एस पोस्ट में मिली हुई जानकारी से आपको एग्जाम के साथ जीवन में भी काफी मदद मिलेगी. भूकंप को रोकने का कोई उपाय मोजूद नहीं है लेकिन हम खुद का बचाव जरुर कर सकते है इसी कारण से मैंने आप सभी को कुछ जरुरी टिप्स बताये जो आपकी काफी हद तक मदद करेंगे. अगर आप हमारे पोस्ट में मिली जानकारी से संतुष्ट हो तो शेयर जरुर करे.

Hemant Joshi
Hemant Joshi

मेरा नाम हेमंत जोशी है. मैंने दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक किया हुआ है. मुझे टेक्नोलॉजी और एजुकेशन क्षेत्र में काफी दिलचस्पी है. इसलिए इस वेबसाइट पर मैं लोगो को टेक्नोलॉजी तथा करियर से सम्बंधित जानकारी देता हूँ.

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