पथरी का इलाज: क्या खाएं? क्या नहीं खाना चाहिए?

क्या आप Pathri Ka Ilaj जानना चाहते है? तो हमारे इस पोस्ट को जरुर पढ़े. गुर्दे की पथरी के मरीज जिन्होंने इसके दर्द को सहा है, वो यही कहते हैं कि इसे होने से रोकने के लिए जो भी बन पड़े वो कर लेना चाहिए. क्योंकि यदि यह एक बार हो जाये तो मरीज को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है. जब यूरिन में कुछ केमिकल्स की मात्रा बढ़ जाती हो तो वह किडनी में क्रिस्टल्स बनाने लगते हैं जिन्हें पथरी कहा जाता है. ज्यादातर मामलों में यह तब बनती है जब कैल्शियम पदार्थ ऑक्सालेट (Oxalate) या फॉस्फोरस के साथ मिलता है. पेशाब में अत्यधिक यूरिक एसिड होने पर भी पथरी बन सकती है.

pathri ka ilaj

महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में किडनी स्टोन होने की सम्भावना ज्यादा होती है और यह ज्यादातर 20 से 40 वर्ष की उम्र के व्यक्तियों में होती है. पथरी का दर्द बार-बार और एकदम से उठता है और यह काफी असहनीय भी हो सकता है. आमतौर पर छोटी पथरी बिना किसी परेशानी के पेशाब के जरिये निकल जाती है. लेकिन जब बड़ी हो जाती हैं तो मूत्र मार्ग में फस जाती हैं और मूत्र के प्रवाह को रोकने लगती है. बड़ी पथरी मूत्र मार्ग को क्षति भी पहुंचा सकती है. अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव लाकर आप आसानी से गुर्दों की पथरी से बचे रह सकते है.

पथरी का इलाज: क्या खाएं? क्या नहीं खाना चाहिए?

पथरी का इलाज पूरी तरह संभव है. अगर आपको पथरी है तो घबराने की कोई बात नहीं. पथरी का इलाज आप खुद कर सकते हो इसके लिए आपको कुछ चीजो का परहेज तो कुछ चीजो का सेवन करना होगा. अगर आप ऐसा करते हो तो  संभावना रहती है की पथरी अपने आप ठीक हो जाएगी. तो चलिए पथरी का इलाज जानते है क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए.

खूब पानी पियें:

कम मात्रा में पानी पीने से आपकी किडनी को काफी क्षति पहुँच सकती है, और आपमें पथरी होने सम्भावना काफी बढ़ सकती है. भरपूर पानी पीने से किडनी को मेटाबोलिक अपशिष्ट (Waste Product) बाहर निकालने में मदद मिलती है, अन्यथा यह किडनी में जमा होकर क्रिस्टल बनाने लगते है. नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार तरल पदार्थों का अधिक सेवन करने से गुर्दों में पथरी की सम्भावना को काफी कम किया जा सकता है.

सुबह के समय पेशाब के रंग के जरिये इसके डाईल्यूशन (Dilution) का पता लगाया जा सकता है. सामान्य रूप से, सुबह के समय पेशाब का रंग गहरा पीला होता है, क्योंकि रात में किडनी में अधिक अपशिष्ट जमा होता है जो सुबह पेशाब के जरिये निकलता है. लेकिन यदि आपकी पेशाब गहरे लाल रंग की होती है और दिनभर ऐसी ही रहती है तो इसका मतलब यह है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन नहीं करते.

एक स्वस्थ व्यक्ति को रोज कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए। हालाँकि इसका अत्यधिक सेवन न करें, क्योंकि इससे आपकी किडनी पर एक्स्ट्रा बोझ बढ़ सकता है और आपको बार-बार पेशाब लग सकती है. अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए आप पानी के अलावा अन्य प्राकृतिक तरल पदार्थ जैसे सनते का जूस, नींबूपानी, पानी से भरपूर फल और सब्जियों का भी सेवन र सकते है.

कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन करें:

भोजन में कैल्शियम की कमी होने पर शरीर में ऑक्सालेट की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पथरी बनने की सम्भावना भी बढ़ जाती है. आहार का कैल्शियम आंत में ऑक्सालेट के साथ मिल जाता है, जिससे यह रक्त में अवशोषित नहीं होता और बाद में किडनी में जमा नहीं हो पाता. 1997 में हुई एक स्टडी के अनुसार आहार में अधिक कैल्शियम युक्त पदार्थ लेने से रोगसूचक गुर्दे की पथरी की सम्भावना कम होती है, लेकिन कैल्शियम के सप्लीमेंट लेने से सम्भावना बढ़ जाती है. इसलिए कैल्शियम सप्लीमेंट्स (टेबलेट्स कैप्सूल्स) आदि का सेवन न करे.

इसलिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध और दूध से बने पदार्थों (डेरी प्रोडक्ट्स) का अधिक सेवन करें. साथ ही, सुबह की दूध में 15 मिनट के लिए बैठें. ऐसा करने से आपके शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ेगी. विटामिन डी शरीर को भोजन में से कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है.

ऑक्सालेट युक्त पदार्थों का सेवन कम करे:

ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से पथरी बनने की सम्भावना बढ़ जाती है. ऑक्सालेट शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकता है, जिससे किडनी में कैल्शियम-ऑक्सालेट क्रिस्टल्स बनने लगते है. जिन लोगों को पथरी की सम्भावना ज्यादा हो उन्हें ऑक्सालेट-युक्त खाद्य पदाथों का सेवन कम करना चाहिए. कुछ ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थ निम्न हैं – पालक, गोभी, चुकंदर, अजवायन, ओकरा, स्विस कार्ड, चॉकलेट, सोया मिल्क और स्ट्रॉबेरी. साथ ही, अपने विटामिन सी के सेवन को भी उपयुक्त स्तर पर लायें, क्योंकि अधिक विटामिन के सेवन से यह ऑक्सालेट में बदल जाता है.

नमक का सेवन कम करें:

अत्यधिक सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है. यह यूरिनरी प्रोटीन को भी बढ़ाता है जिससे किडनी की बीमारियाँ होने की सम्भावना बढ़ जाती है. साथ ही, अतिरिक्त सोडियम को शरीर से बाहर निकालने के लिए किडनी को काफी मेहनत करनी पड़ती है. पथरी से बचे रहने के लिए कम सोडियम वाले भोजन का सेवन करें। डॉक्टर्स के अनुसार रोज 5 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.

जिन लोगों को बार-बार पथरी होती है उन्हें अपने भोजन में नमक को और कम करना चाहिए। नमक का सेवन करने के वजाय इसके अन्य विकल्प जैसे सी साल्ट, हर्ब्स और मसालों का सेवन करे.

शुगर का सेवन कम करे:

हाई शुगर युक्त खाद्य पदार्थ, ड्रिंक्स, मिठाई आदि के सेवन से भी पथरी हो सकती है. अधिक शुगर का सेवन करने से कैल्शियम और मैग्नीशियम के अवशोषण में गड़बड़ी हो सकती है जिससे शरीर में मिनरल्स का बैलेंस बिगड़ सकता है. कुछ मामलों में फ्रक्टोज (शुगर का एक प्रकार) ऑक्सालेट में परिवर्तित हो सकता है. साथ ही, आर्टिफीसियल स्वीटनर्स भी किडनी के कामकाज में दखल देते हैं और पथरी की सम्भावना को बढ़ाते है.

अपने शुगर के सेवन को कम करने का प्रयास करे. चाय कॉफ़ी आदि में मिठास के लिए चीनी की जगह प्राकृतिक स्वीटनर्स जैसे आर्गेनिक शहद आदि का उपयोग करे.

लाल मांस का सेवन कम करे:

लाल मांस में मौजूद प्रोटीन आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन करने से गुर्दों में पथरी बनने की सम्भावना बढ़ जाती है. अधिक प्रोटीन लेने से किडनी पर मेटाबोलिक लोड बढ़ता है और उसकी कार्यक्षमता में कमी आती है. इसके फलस्वरूप किडनी प्रोटीन डाइजेशन के समय नाइट्रोजन को बाइप्रोडक्ट में प्रोड्यूस करने लगती है.
साथ ही, लाल मांस में प्यूरीन नामक पदार्थ अधिक पाया जाता है, जो शरीर में यूरिक एसिड के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. यह पेशाब के pH को कम करके उसे और अधिक एसिडिक बनाता है. पेशाब में एसिड का हाई कंसंट्रेशन होने पर यूरिक एसिड की किडनी स्टोन बन सकती है.

रोजाना एक्सरसाइज करे:

शरीर में मोटापा और अधिक वजन होने पर किडनी स्टोन बनने की सम्भावना बढ़ती है. इसलिए रोज एक्सरसाइज और योग करके अपने वजन को नियंत्रित करे. मोटापा से ग्रसित लोग ज्यादातर अनहेल्थी फूड्स जैसे फैटी फूड्स और रिफाइंड शुगर का अधिक सेवन करते हैं और तरल पदार्थों का कम सेवन करते है. यह सभी किडनी के लिए नुकसान दायक है.

इसके अलावा, गतिहीन और आलस्य युक्त जीवनशैली जीने से हड्डियों का कैल्शियम रक्त में घुलने लगता है जिससे पथरी बनती है. 2014 में पब्लिश हुई एक स्टडी के अनुसार नियमित एक्सरसाइज करने से किडनी स्टोन, डिप्रेशन और डायबिटीज की सम्भावना कम होती है. रोज कम से कम 30 मिनट के लिए मॉडरेट एक्सरसाइज और योग करे. साथ ही, शरीर के वजन को कंट्रोल में रखने के लिए अपनी डाइट पर ध्यान दे.

सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से दूर रहें:

सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का अधिक सेवन करने से पथरी हो सकती है। सोडा में फास्फोरिक एसिड होती है जो पेशाब का pH करती है जिससे पथरी बनने की सम्भावना बढ़ जाती है। इन उत्पादों का अत्यधिक सेवन करने से किडनी डैमेज भी हो सकती है और परमानेंटली किडनी स्टोन की बीमारी बन सकती है. 1999 में पब्लिश हुई एक मेडिकल स्टडी के अनुसार सोडा का सेवन करने से किडनी में प्रतिकूल बदलाव आते हैं जिससे कैल्शियम-ऑक्सालेट किडनी बनने की सम्भावना बढ़ जाती है. इसलिए, पथरी से बचे रहने के लिए सोडा से दूर रहें और पानी का अधिक सेवन करे.

फ्लोराइड युक्त पानी का सेवन न करे:

फ्लोराइड युक्त पानी का सेवन करने से भी पथरी बनने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है. 2001 में भारत में इसपर एक रिसर्च हुई थी जिसमें 3.5 से 4.9 ppm फ्लोराइड युक्त पानी का सेवन करने वाले लोगों की जांच की गई. उनमें से अधिकतर लोगों में किडनी स्टोन बनने की सम्भावना को पाया गया था. फ्लोराइड दांतों की इनेमल लेयर को क्षति पहुंचाकर उसे फीका और धब्बेदार बना देता है. इसलिए यदि आपके दांत भी फीके और धब्बेदार दिखाई देते हैं तो समझ लीजिये कि आप अत्यधिक फ्लोराइड युक्त पानी का सेवन करते है.

इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए रिवर्स-ओसमोसिस फिल्टर का इस्तेमाल करे. यह फिल्टर पानी में से अतिरिक्त फ्लोराइड को अलग करता है. बाजार में कई ब्रांडेड फिल्टर रिवर्स-ओसमोसिस प्रोसेस के साथ आते है.

फलों और सब्जियों का सेवन करे:

यदि आपको बार-बार पथरी होने की समस्या होती है तो रोज फलों और सब्जियों का सेवन करे. ज्यादातर फलों और सब्जियों में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम, फाइबर, पोटैशियम, साइट्रेट और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो पथरी से बचाते है. मैग्नीशियम शरीर में कैल्शियम के अवशोषण और संरक्षण के लिए जरूरी होता है. यह कैल्शियम को ऑक्सालेट के जुड़ने से भी रोकता है. कैल्शियम और ऑक्सालेट का जुड़ना ही पथरी होने का सबसे बड़ा कारण होता है.

Final Words:

तो दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में Pathri Ka Ilaj पथरी में क्या खाएं? क्या नहीं खाना चाहिए इन सभी बातों को विस्तार से जाना. अगर आपको भी पथरी की समस्या है तो पोस्ट में बताये गये चीजो से परहेज करेंगे तभी इसका इलाज संभव है. पथरी का इलाज आसानी से हो सकता है अगर आप अपने खानपान पर ध्यान रखते है तो यह भविष्य में दोबारा नहीं होगा. अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया हो तो शेयर जरुर करे.

Dr. Anirudh Chaudhary
Dr. Anirudh Chaudhary

मेरा नाम अनिरुध चौधरी है और मैं मुंबई का रहना वाला हूँ. मैंने MBBS की डिग्री हासिल की हुई है और पेशे से एक डॉक्टर हूँ. मेरे पास मेडिकल क्षेत्र में चार साल का अनुभव है. इसलिए इस वेबसाइट पर मैं लोगो को सेहत से जुड़ी जानकारी देता हूँ.

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