भारत की खोज किसने की? पूरी जानकारी

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की Bharat Ki Khoj Kisne Ki पूरी जानकारी. भारत जिसे हम इंडिया नाम से भी जानते है इसकी खोज किसने की है यह सवाल हर भारतवासी जानना चाहता है. भारत खोज से जुड़े प्रश्न आपके एग्जाम में भी आ सकते है. इस सवाल से आपका जनरल नॉलेज भी पता चलता है की आप भारत के बारे में कितनी जानकारी रखते हो. भारत से जुड़े और भी बहुत से पोस्ट हम लिख चुके है जिसे आप जनरल नॉलेज केटेगरी में पढ़ सकते है. इस पोस्ट को चलिए शुरू करते है और जानते है भारत की खोज किसने की पूरी जानकारी हिंदी में.

bharat ki khoj

भारत को इसलिए महान देश कहा जाता है क्योंकि यहां हर तरह का वातावरण, वेश भूषा, रीति रिवाज, भाषा, धर्म, प्रकृति का सुंदर रूप पाया जाता है जो शायद ही किसी देश में एक साथ पाया जाता हो. भारत पहले इतना धनि देश हुआ करता था की लोग इसे सोने की चिड़िया का नाम देते थे. लेकिन फिर अंग्रेजो द्वारा भारत पर आक्रमण के बाद भारत में काफी धन की हानि हुई. अगर अंग्रेजो ने भारत में राज नहीं किया होता तो शायद आज हमारा देश दुनिया में सबसे धनि देश माना जाता.

इन सब बातों को जानने के बाद हर कोई इस बात में इच्छुक होगा की भारत की खोज किसने की. तो आपको अब हम इस बात की पूरी जानकारी देने वाले है. साथ में हम कुछ ऐसी बातें भी जानेंगे जो शायद ही किसी व्यक्ति को पता हो तो चलिए पोस्ट शुरू करते है.

भारत की खोज किसने की:

भारत की खोज वास्को द गामा द्वारा 20 मई 1498 में हुआ था. उन्होंने सबसे पहला कदम केरल में कोझीकोड जिले के कालीकट(काप्पड़ गांव) में रखा था. भारत में वास्को द गामा दो बार आये और वापस गये. लेकिन 1524 में जब वह तीसरी बार आये तब केरल राज्य के कोची शहर में उनकी मृत्यु हो गयी.

वास्को द गामा का जन्म 1460 में साइन्स नाम के शहर पुर्तगाल में हुआ था. इनके पिता भी खोजी नाविक हुआ करते थे. यह बात 1487 की है जब पुर्तगाल के एक खोजी नाविक जिनका नाम बार्टोलोमियो डायस था उन्होंने यह साबित किया की अटलांटिक महासागर के रास्ते भारत तक पहुंचा जा सकता है. बार्टोलोमियो डायस ने केप ऑफ गुड होप की भी खोज की थी यह अफ्रीका महाद्वीप के बिलकुल दक्षिण में स्थित समुद्र तट पर बसा एक स्थान है. ऐसा माना जाता था की केप ऑफ गुड होप के रास्ते अगर हम पूर्व की और जाये तो भारत तक पहुंचा जा सकता है.

पहले भारत तक पहुँचने के लिए काफी जोखिम भरे रास्तों से गुजरना पड़ता था जिस वजह से भारत के साथ व्यापर करना मुश्किल था. पुर्तगाल के राजा के मन में विचार आया की अगर भारत के मसाले वह यूरोप में बेचे तो काफी मुनाफा किया जा सकता है. इसलिए उन्होंने 1497 में वास्को द गामा को भारत की खोज करने की जिम्मेदारी दी. वास्को द गामा की यात्रा चार समुद्री जहाज और 170 आदमी के साथ 8 जुलाई, 1497 में लिस्बन से शुरू हुई. वास्को द गामा को केप ऑफ गुड होप के रास्ते भारत तक जाने वाला रास्ता मालूम करना था. वह मोजाम्बिक, मोम्बासा, मालिन्दी होते हुए भारत के कालीकट बंदरगाह पहुंचे थे.

भारत तक पहुँचने में वास्को द गामा को लगभग 10 महीने जितना समय लगा. भारत से पुर्तगाल लौटने में उन्होंने 2 साल जितना समय लगाया. जब उन्होंने यह यात्रा शुरू की तब उनके साथ 170 लोग थे लेकिन लौटने के साथ सिर्फ 54 लोग ही बच पाए. ज्यादातर लोगो की मृत्यु स्कर्वी नामक बीमारी से हो गयी. अपनी इस खोज पूरी होने के बाद वास्को डी गामा को पुर्तगाल में राजकीय सम्मान दिया गया और उसे राजकीय उपाधि भी दी गई. इसके बाद वास्को द गामा ने दो बार भारत यात्रा की. तीसरी यात्रा के दौरान मलेरिया से केरल राज्य कोच्ची में ही उसकी मृत्यु हो गई. केरल के कोची शहर के पास स्थित फोर्ट कोच्ची में एक चर्च में वास्को द गामा की कब्र है.

उस समय यूरोप के लोग भारत के साथ व्यापर करने के लिए बहुत ही ज्यादा व्याकुल थे. इससे पहले भी 3 अगस्त 1492 ईसवी को कोलंबस तीन जहाज और 90 नाविकों के साथ भारत को खोज़ने के लिए निकले लेकिन अमेरिका की खोज हो गयी. जब भारत की खोज हुई उसके बाद युरोपे से भारत तक जाने वाला यह समुद्री रास्ता काफी चर्चे में आ गया. हालांकि शुरुवात में तो यह लोग सिर्फ मसाले का व्यापार करने आये थे लेकिन समय के साथ इनके मन में लालच भी बढ़ती गयी. आपको जानकार होगी की अंग्रजो ने भारत को लगभग 200 साल तक गुलाम बना कर रखा था.

Final Words:

तो दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में जाना की Bharat Ki Khoj Kisne Ki पूरी जानकारी. इस पोस्ट में हमने भारत खोज की जानकारी के अलावा भी बहुत से दिलचस्प बातों को जाना. हमने जाना किस तरह से पुर्तगाल के लोग भारत में आये तथा उनके भारत आने का क्या उद्देश्य था. अगर वास्को द गामा भारत ही नहीं आया होते तो शायद किसी को समुद्री रास्ते की जानकारी नहीं होती और अंग्रेज भी हमारे देश पर शासन नहीं कर पाते. हमने लगभग 200 साल इन लोगो की गुलामी की जिससे आर्थिक नुकसान के साथ भारत की आजादी के लिए कितने वीर जवान शहीद भी हो गये. अगर आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद कुछ नया सिखने को मिला हो तो शेयर जरुर करे.

Hemant Joshi
Hemant Joshi

मेरा नाम हेमंत जोशी है. मैंने दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक किया हुआ है. मुझे टेक्नोलॉजी और एजुकेशन क्षेत्र में काफी दिलचस्पी है. इसलिए इस वेबसाइट पर मैं लोगो को टेक्नोलॉजी तथा करियर से सम्बंधित जानकारी देता हूँ.

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