Carding क्या है? Carding कैसे करे पूरी जानकारी

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की Carding Kya Hai और Carding Kaise Kare पूरी जानकारी. अगर आप सोशल मीडिया से जुड़े रहते हो तो आपने कार्डिंग के बारे में जरुर सुना होगा, आसान शब्दों में कहा जाये तो क्रेडिट कार्ड की चोरी ही कार्डिंग कहलाती है. अगर किसी व्यक्ति को कार्डिंग की आदत पड़ जाये तो इससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि कार्डिंग में घर बैठे आप बिना पैसे कुछ भी खरीद सकते हो. कार्डिंग ज्यादातर अमेरिका जैसे विकसित देशों में लोगो का क्रेडिट कार्ड चुराने के लिए किया जाता है. क्योंकि विकसित देशों में क्रेडिट कार्ड का उपयोग लगभग हर कोई करता है और उनके बैंक अकाउंट में अमाउंट भी अधिक होता है. लेकिन आजकल इंडिया में भी कार्डिंग का शिकार बहुत से लोग हो रहे क्योंकि ज्यादातर लोगो को इसकी जानकारी नहीं होती. इसलिए आज हम इस पोस्ट को लिख रहे है जिसमे आपको बताया जायेगा Carding क्या है और Carding कैसे करे पूरी जानकारी.

carding

इंटरनेट पर रोजाना लाखों लोग साइबर अटैक का शिकार होते है. साइबर अटैक में एक कार्डिंग का नाम भी आता है जिससे बहुत लोग अनजान रहते है. कार्डिंग की मदद से लोग क्रेडिट कार्ड चुराकर महंगे सामन मुफ्त में खरीद लेते है जिससे आम लोगो का नुकसान होता है. अगर आपको कार्डिंग की जानकारी नहीं होगी तो कल आप भी कार्डिंग का शिकार हो सकते हो इसलिए आपको भी पता होना चाहिए कार्डिंग क्या है और कैसे करते है.

इस पोस्ट को सिर्फ आपके जानकारी लिए लिखा जा रहा है. हम किसी भी तरीके से कार्डिंग का समर्थन नहीं करते और आपको भी इस तरह के गैरकानूनी गतिविधि से दूर रहने की ही सलाह देते है. इस पोस्ट में हम कार्डिंग की सिर्फ बाहरी जानकारी देंगे क्योंकि बहुत से लोग कार्डिंग सिखने के बाद दूसरों को नुकसान पहुंचाते है. तो चलिए पोस्ट शुरू करते है और जानते है कार्डिंग क्या है.

Carding क्या है कैसे करे?

Carding का मतलब क्रेडिट कार्ड फ्रॉड होता है. कार्डिंग उसे कहा जाता है जब कोई हैकर किसी दुसरे व्यक्ति का क्रेडिट कार्ड चुराकर उससे पैसे निकाल ले. कार्डिंग में आपको सिर्फ सामने वाले के क्रेडिट की जानकारी चाहिए होती है उसके बाद आप उस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हो. उदहारण के लिए अगर आपके पास कार्डिंग से हासिल किया हुआ क्रेडिट कार्ड होगा तो आप उसका इस्तेमाल करके फ्री में Rs 50,000 का मोबाइल भी खरीद सकते हो.

जो व्यक्ति Carding करता है उसे Carder कहा जाता है. आपने भी देखा होगा जो कार्डिंग करते है वो महंगे से महंगे वास्तु भी सस्ते दामों पर खरीद लेते है. क्या आपने कभी सोचा वो यह काम कैसे करते है? देखिये सबसे पहले वो इंटरनेट के द्वारा अपने शिकार की खोज करते है और उनके क्रेडिट कार्ड डिटेल्स निकालते है. फिर यह चेक किया जाता है की क्रेडिट कार्ड सच में काम करता है या नहीं. अगर क्रेडिट कार्ड सच में काम कर रहा होता है तो उसे कार्डिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कुछ लोग क्रेडिट कार्ड से खुद कार्डिंग नहीं करते बल्कि दुसरे कार्डर को बेच देते है. इसका सबसे अच्छा उदहारण Dark Web है जहा क्रेडिट कार्ड काफी सस्ते दामों पर ख़रीदा जा सकता है.

कार्डिंग करने के लिए हैकर काफी सावधानी अपनाते है. वो सीधा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि खुद का लोकेशन, नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर आदि जैसे जरुरी डिटेल्स छुपा लेते है फिर कार्डिंग किया जाता है. इस काम को अंजाम देने के लिए हैकर VPN, Socks Proxy, Fake Address, Fake Email & Mobile Number का प्रयोग करते है जिससे किसी को उन पर संदेह ना हो.

आजकल आपको कार्डर इंटरनेट पर हर जगह देखने को मिल जायेंगे. यह लोग महंगी से महंगी सामान भी सस्ते दामों पर खरीदने का वादा करके आपको जाल में फंसाते है. आजकल टेलीग्राम, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ऐसे लोग ज्यादा देखने को मिलते है और इनसे दूर रहने में ही आपका फायदा है. बहुत से कार्डर आप से पहले पेमेंट ले लेंगे उसके बाद आपका आर्डर भी पूरा नहीं करते और सीधा ब्लाक कर देते है. अगर आपको अपना आर्डर मिल भी जाता है तो आपने भी एक तरह से क्राइम ही किया है, अगर वो कार्डर पकड़ा जाता है तो पुलिस आपकी खोज भी अवश्य करेगी. इसलिए कार्डिंग और कार्डर से हमेशा दूर रहे.

तो दोस्तों देखा आपने लोग कार्डिंग के प्रयोग से किस प्रकार लोगो का नुकसान करते है. ये लोग शुरुवात में खुद को काफी होशियार समझते है लेकिन आप हमेशा साइबर क्राइम करके नहीं बच सकते. पुलिस हमेशा इन लोगो की तलाश में रहती है एक बार पकड़े जाने पर सीधा लंबी जेल होती है. मेरा यही सुझाव होगा की हमेशा कार्डिंग और कार्डर से दूरी ही बनाकर रखे.

Carding फ्रॉड से कैसे बचे:

सबसे पहले तो आपको इतना बताना चाहूँगा की कार्डिंग से पूरी तरह बचना असंभव है लेकिन अगर कुछ सावधानियां अपनाई जाये तो इनसे काफी हद तक बचा जा सकता है. इसलिए आपको खुद सावधान रहने की आवश्यकता है चलिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता देते है जो कार्डिंग से बचने में आपकी मदद करते है.

1) अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड डिटेल को लीक होने से बचाना चाहते है तो कभी भी अनजान वेबसाइट पर अपना क्रेडिट कार्ड डिटेल ना डाले. हमेशा चेक करे कही वो कोई फर्जी वेबसाइट तो नहीं, संतुष्ट होने के बाद ही कोई निर्णय लेना उचित होगा.

2) ब्राउज़र में वेबसाइट एड्रेस चेक करे की उसमे HTTPS है या नहीं. आपके जानकारी के लिए बताना चाहूँगा की जिस भी वेबसाइट में HTTPS नहीं होता उसमे हैक होने का डर सबसे अधिक होता है.

3) कभी भी किसी को अपने क्रेडिट कार्ड की कोई भी जानकारी ना दे चाहे वो आपका दोस्त क्यों ना हो.

4) जब भी ATM से पैसे निकाले इस बात की संतुष्टि जरुर करे की कोई आपको देख तो नहीं रहा.

5) ऑनलाइन पेमेंट के लिए हमेशा OTP का इस्तेमाल करे.

6) कुछ ऐसी वेबसाइट होती है जो दिखने में बिलकुल असली मालूम पड़ती है लेकिन होती फेक है ऐसे वेबसाइट को हम Phishing Website कहते है. आजकल के ब्राउज़र आसानी से नकली वेबसाइट का पता लगा लेते है लेकिन आपको भी सावधान रहने की जरुरत है. अगर आप Amazon वेबसाइट पर जाये तो URL चेक करे कही कोई दुसरे वेबसाइट का एड्रेस तो नहीं जो सिर्फ Amazon की तरह दिखाई दे रहा हो.

7) जब भी आप किसी ब्राउज़र में पेमेंट एड्रेस डालते हो तो आप से पूछा जाता है की इसे सेव किया जाये या नहीं. मेरा यही सुझाव होगा की कभी भी ब्राउज़र में क्रेडिट कार्ड डिटेल्स सेव ना करे.

Final Words:

तो दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में जाना की Carding क्या है और Carding कैसे करे पूरी जानकारी. इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको कार्डिंग की पूरी जानकारी मिल गयी होगी की यह किस प्रकार काम करता है और कार्डिंग से कैसे बचा जाये. यह पोस्ट उन सभी लोगो के लिए लिखी गयी है जिन्हें साइबर अटैक और हैकिंग की ज्यादा जानकारी नहीं होती. हो सकता है आपके परिवार और दोस्तों को भी इस जानकारी के आवश्यकता हो इसलिए इस पोस्ट को शेयर जरुर करे.

Hemant Joshi
Hemant Joshi

मेरा नाम हेमंत जोशी है. मैंने दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक किया हुआ है. मुझे टेक्नोलॉजी और एजुकेशन क्षेत्र में काफी दिलचस्पी है. इसलिए इस वेबसाइट पर मैं लोगो को टेक्नोलॉजी तथा करियर से सम्बंधित जानकारी देता हूँ.

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