DNA Kya Hai? डीएनए की पूरी जानकारी

DNA Kya Hai? क्या आप डीएनए जानना चाहते है की यह क्या होता है. अगर कोई डीएनए के बारे में जानने के लिए इच्छुक है तो हमारे इस पोस्ट को अच्छे से पढ़े इसमें आपको डीएनए की पूरी जानकारी मिलेगी. हम अपने इस ब्लॉग पर हमेशा कुछ नया सिखने की कोशिश करते है. आज हमने सोचा आप लोगो को DNA Kya Hai इसकी पूरी जानकारी देनी चाहिए. अगर आप मेडिकल क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हो तो आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आएगा. इसके अलावा अगर कोई डीएनए का नाम पहली बार सुन रहा है तो उन्हें भी इस पोस्ट को पढ़ना चाहिए क्यूंकि डीएनए किसी चमत्कार से कम नहीं होता.

dna kya hai

डीएनए का नाम आपने बहुत बार टीवी सीरीज और मूवीज में सुना होगा. इसके अलावा डीएनए के बारे में हम जीवविज्ञान में भी पढ़ते है. लेकिन बहुत बार ऐसा होता है की हम डीएनए को अच्छे से समझ नहीं पाते जिस कारण हमारी जानकारी भी अधूरी रह जाती है. अगर कोई स्टूडेंट डीएनए समझना चाहता है या फिर कोई व्यक्ति डीएनए की जानकारी चाहता है तो उन्हें इस पोस्ट में विस्तार से बताया जायेगा. डीएनए विज्ञान की ऐसी खोज है जिसके वजह से मेडिकल साइंस तरक्की की सीढ़ी चढ़ चूका है. डीएनए क्या है? डीएनए का फुल फॉर्म, डीएनए की खोज कब और किसने की, डीएनए कहा पाया जाता है, डीएनए क्यों जरुरी है आदि जैसे बातें हम इस पोस्ट में जानने वाले है.

डीएनए का पता हम घर बैठे नहीं कर सकते इसके लिए लैब टेस्ट किया जाता है जो इस काम को आसान कर देती है. डीएनए के बहुत से फायदे भी होते है जिस कारण से यह मेडिकल साइंस में इतना प्रचलित है. जीवविज्ञान को बिना डीएनए के समझना काफी जटिल हो सकता है इसलिए अगर कोई जीव विज्ञान के बारे में जानना शुरू किया है तो उन्हें डीएनए के बारे में भी पता होना चाहिए. मैं आपका ज्यादा समय न लेते हुए इस पोस्ट को शुरू करता हूँ तो चलिए जानते है DNA Kya Hai डीएनए की पूरी जानकारी हिंदी में.

DNA Kya Hai? पूरी जानकारी:

डीएनए व इसके फुल फॉर्म को Deoxyribonucleic Acid बोला जाता है. यह एक तरह का मॉलिक्यूल होता है जिसमे जेनेटिक कोड मोजूद होते है. यह ठीक एक रेसिपी बुक की तरह ही काम करता है की बॉडी में किस तरह का प्रोटीन बनाना है इसी पर निर्भर करता है. हर जीव के कोशिका में डीएनए पाया जाता है और प्रत्येक बॉडी में पाए जाने वाले डीएनए उस बॉडी में मोजूद दुसरे डीएनए के एक समान होते है. आपने यह जरुर नोटिस किया होगा की हमारे माता-पिता के कुछ गुण जैसे की रंग, नाक, आँख, आवाज़, हाइट आदि हमसे मेल खाते है इसका कारण भी डीएनए ही होता है. इसके अलावा अगर माता-पिता को कोई बीमारी हो तो ज्यादा संभावना रहती है की बच्चे को भी उस बीमारी का खतरा हो सकता है इसलिए डॉक्टर को पहले ही इस बारे में सूचित कर देना चाहिए. जरुरी नहीं की आपके पेरेंट्स के सभी गुण आप तक पहुंचे इसमें कुछ बदलाव हमेशा देखने को मिलता है.

आपने डीएनए के बारे में टीवी सीरीज मूवीज में भी काफी बार सुना होगा इससे असली माता-पिता का पता लगाया जा सकता है क्यूंकि बच्चे का डीएनए पेरेंट्स से मिलता जुलता होता है. अगर किसी के खून का एक बूँद भी मिल जाये तो हम उसके डीएनए की पूरी जानकारी निकाल सकते है. डीएनए का पता खून के अलावा लार, पसीना, मूत्र, त्वचा के ऊतक और वीर्य कौशिक से भी लगाया जा सकता है. डीएनए का इस्तेमाल अपराधी का पता लगाने के लिए भी किया जाता है. आजकल जितने भी हत्या व बलात्कार के घटना सामने आते है उन्हें डीएनए के बल पर सुलझाने में ज्यादा आसानी होती है. इसके लिए पुलिस को जिस पर भी संदेह होता है उनका डीएनए घटना स्थल पर पाए जाने वाले डीएनए से मैच करते है अगर वह पॉजिटिव पाया जाता है तो अपराधी उसी को माना जाता है. डीएनए की जांच फॉरेंसिक लैब में किया जाता है और इसे करने के लिए किसी खास उद्देश्य का होना जरुरी है.

DNA की खोज:

ऐसा कहा जाता है की डीएनए की खोज James Watson और Francis Crick द्वारा 1950s के समय में हुई थी. लेकिन सच्चाई यह है की सबसे पहले डीएनए की खोज Friedrich Miescher द्वारा 1860s में ही हो गयी थी. उस समय इसका नाम Nuclein रखा गया था लेकिन डीएनए की ज्यादा जानकारी न होने के कारण इसके महत्व को नहीं समझा गया. डीएनए की Double Helix संरचना को James Watson और Francis Crick ने बताया था इस खोज के लिए 1962 में उन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिला था. Albrecht Kossel नाम के जर्मन बायोकेमिस्ट ने 1881 में Nuclein को Nucleic Acid बताया और डीएनए को Deoxyribonucleic acid का नाम दिया. डीएनए को Albrecht Kossel ने पांच भाग एडेनिन, थाइमिन, गुआनिन, साइटोसिन और यूरेसिल में बांटा था. उनको इस कार्य के लिए वर्ष 1910 में रसायन का नोबेल पुरस्कार भी मिला था.

DNA की संरचना:

DNA की संरचना घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है इसलिए इसे Double Helix का नाम भी दिया गया है. जिस तरह DNA का काम प्रोटीन बनाना होता है उसी तरह हर जीविक कोशिका में RNA होता है जो प्रोटीन और DNA के बीच मैसेंजर का काम करता है. DNA की संरचना न्यूक्लिटाइड नामक अणुओं से बना होता है. हर न्यूक्लियोटाइड में एक फॉस्फेट ग्रुप, एक शुगर ग्रुप और एक नाइट्रोजन बेस होता है. नाइट्रोजन बेस के चार प्रकार एडेनिन, थाइमिन, गुआनिन और साइटोसिन होते हैं. RNA में थाइमिन नहीं होते इसके बदले इसमें यूरेसिल होते है. आपको जानकार हैरानी होगी की इंसान के डीएनए में लगभग 3 बिलियन बेस होते है और 99% बेस हर व्यक्ति में एक समान होते है. यह बेस किस क्रम में आधारित है इस बात की पुष्टि करते है की कोई व्यक्ति का डीएनए किसी दुसरे व्यक्ति के डीएनए से किस तरह भिन्न है.

डीएनए मॉलिक्यूल इतने लम्बे होते है की वो आसानी से किसी कोशिका में फिट नहीं हो सकते. कोशिका में फिट होने के लिए डीएनए कसकर कुंडलित होते है और गुणसूत्र का निर्माण करते है. हर एक गुणसूत्र में एक डीएनए मॉलिक्यूल मोजूद होता है. मनुष्य में 23 जोड़े गुणसूत्र होते है जो कोशिका केन्द्रक में पाए जाते है.

DNA के कार्य:

डीएनए को जिस समय खोजा गया था उस समय इसका प्रमुख कार्य किसी को मालूम नहीं था. शुरुवाती दिनों में इसे एसिडिक मॉलिक्यूल समझा जाता था जो की कोशिका केंद्रक में पाया जाता है. लेकिन Mendel’s Experiment के बाद यह बात साफ़ हो गयी की कुछ कण जरुर माता पिता से बच्चो तक पहुँचती है और यहीं आनुवंशिकता का कारण है. इसके बाद कोशिका पर काफी प्रयोग हुए जिसमे यह बात पता चलता है की कोशिका में पाए जाने वाले चार मैक्रो मॉलिक्यूल (कार्बोहायड्रेट, लिपिड, प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड) में से सिर्फ न्यूक्लिक एसिड ही ऐसा केमिकल है जो एक पीढ़ी से दुसरे पीढ़ी तक पास होता है. इसके बाद यह बात पूरी तरह साफ़ हो गयी की डीएनए के कारण ही हम अपने पूर्वज व माता-पिता से मेल खाते है.

Replication:

डीएनए की यह खूबी होती है कि वह आसानी से अपनी नकल कर सकता है. कोशिकीय विभाजन के समय डीएनए अपनी ही नकल करता है और इसी तरह वह दुसरे कोशिका तक एक ही तरह का डीएनए तैयार करता है. डीएनए रेप्लिकेसन के दौरान डीएनए का जो Double Helix स्ट्रक्चर होता है वह विभाजित हो कर दो Single Strand में प्रवर्तित हो जाता है. यह विभाजन होने के बाद दोनों Single Strand टेम्पलेट की तरह काम करते हुए एक नए डीएनए की कॉपी तैयार करते है. अब इसी तरह DNA Replication प्रोसेस काम करता है और नए डीएनए की कॉपी बनती रहती है. बहुत बार ऐसा भी होता है की डीएनए अपनी नकल ठीक से नहीं कर पाता जिसे DNA Mutation कहा जाता है. इस कारण से इंसान में उत्परिवर्तन देखा जाता है यह उत्परिवर्तन इंसान के लिए काफी बार लाभदायक साबित होती है. आदिमानव से इंसान हम उत्परिवर्तन से ही बने है और यह हमें वातावरण के अनुसार अनुकूल बनता है. कितने बार DNA Mutation के वजह से आनुवंशिक रोग भी बच्चो में देखे जाते है.

Encoding:

डीएनए का एक प्रमुख कार्य जेनेटिक कोड का उपयोग करके प्रोटीन में एमिनो एसिड अवशेषों के अनुक्रम को एन्कोड करना है, जो कोशिका की संरचना और कार्य की जैव रासायनिक इकाइयाँ हैं. आनुवंशिक कोड को पढ़ने के लिए, कोशिकाएं न्यूक्लिक एसिड आरएनए में डीएनए के एक स्ट्रेच की एक प्रति बनाती हैं. इन आरएनए प्रतियों का उपयोग प्रोटीन संश्लेषण को निर्देशित करने के लिए किया जा सकता है.

Cellular Management:

जितने भी बहुकोशिकीय जीव होते है उनका निर्माण एक निषेचित कोशिका से होता है जिसे हम Zygote या फिर युग्मनज नाम से भी जानते है. यह युग्मनज एक जीव को तैयार करने के लिए कई बार विभाजित और डुप्लिकेट करता है. जितने भी कोशिका होते है सभी में एक जैसा ही आनुवंशिक सामग्री मोजूद होता है लेकिन विभिन्न कोशिकाएं अलग-अलग फैशन में विकसित होती है. इस प्रक्रिया को हम Cell Differentiation नाम से जानते है इस प्रक्रिया में कोशिका प्रोटीन को स्तिथि के हिसाब से तैयार करती है. उदहारण के लिए त्वचा की कोशिका, पेट की कोशिका, दिमाग की कोशिका, मांसपेशी की कोशिका आदि भिन्न होती है लेकिन सभी में एक समान आनुवंशिक सामग्री मोजूद होता है. यह कोशिका अपने स्तिथि के हिसाब से काम करते है. किस कोशिका के लिए कितने प्रोटीन की जरुरत है इसका पता डीएनए को संकेत के रूप में प्राप्त होता है. उदहारण के लिए अगर आपने अभी खाना खाया होगा तो खाना पचाने के लिए पेट संकेत करता है और कोशिका को ज्यादा पाचन हार्मोन एंजाइम उत्पादन करने होंगे. इसी तरह से बॉडी में दुसरे कोशिका को कितने प्रोटीन की जरुरत है यह भी संकेत के रूप में प्राप्त होता है और डीएनए इसके उत्पादन को नियंत्रण करता है.

Mutation:

DNA Mutation उस स्तिथि को कहा जाता है जब किसी वजह से डीएनए अपनी नकल करने में विफल हो जाते है. हमने अभी जाना किस तरह से एक निषेचित कोशिका कई बार विभाजित और डुप्लिकेट होता है तब एक जीव जन्म लेता है. इस प्रक्रिया में कई बार आनुवंशिक सामग्री में बदलाव हो जाते है और डीएनए अपनी कॉपी नहीं कर पाते. इसी को उत्परिवर्तन कहते है और जीव का जन्म अलग ही रूप में होता है. उत्परिवर्तन कई बार छोटा पैमाने पर होता है जैसे की त्वचा के रंग में बदलाव होना. यह कई बार बड़े पैमाने पर भी हो जाता है जिससे की एककोशिकीय जीव से ही काफी प्रकार के जीवों का जन्म हो जाता है. उदहारण के लिए ऐसा माना जाता है की इंसान, जानवर, पेड़ पोधे, समुद्री जीव आदि का जन्म भी एककोशिकीय जीव से ही हुआ है.

DNA का महत्व:

डीएनए का महत्व इतना है की यह किसी चमत्कार से कम नहीं. आजकल डीएनए के मदद से ही मेडिकल साइंस काफी प्रगति कर रहा है. हम डीएनए से बहुत जानकारी हासिल कर सकते है और इसे अपने जरुरत के हिसाब से इस्तेमाल भी कर सकते है. चलिए कुछ डीएनए के महत्व को समझते है जो हर किसी को पता होने चाहिए.

Disease Diagnosis & Treatment:

मेडिकल के क्षेत्र में डीएनए का बहुत ही बड़ा योगदान है. आप सभी जानते हो आजकल बहुत से बीमारी देखने को मिलते है और देरी से इनका पता चलने के कारण लोगो को बचा पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अगर हमें शुरू में ही बीमारी का पता लग जाये तो कितने लोगो की जान बचाई जा सकती है. डीएनए की मदद से हम बीमारी का पता पहले ही लगा सकते है. अगर माता-पिता को कोई बीमारी है और यह बीमारी बच्चे को होने की क्या संभावना है इसका पता भी लगाया जा सकता है. डीएनए के कारण आज हम उन बीमारी का भी इलाज कर पा रहे है जिसका इलाज कभी असंभव सा लगता था. इससे नए दवाएं की खोज करने में आसानी होती है और इससे दवाई के असर का भी पता लगाया जाता है.

Paternity Test:

कई बार बहुत से ऐसे परिस्तिथि परिवार में हो जाते है जिसमे बच्चे के डीएनए टेस्ट की मांग की जाती है. यह संदेह किसी भी परिवार को अलग कर सकता है इसलिए जरुरी होता है की इस संदेह को दूर किया जाये. डीएनए टेस्ट की मदद से किसी भी बच्चे के असली माता-पिता का पता लगाया जा सकता है. यह तब भी उपयोगी माना जाता है जब कोई अनजान व्यक्ति किसी के माता या पिता होने का दावा करता है.

Crime Cases:

जितनी ज्यादा आबादी होती है देश में उतने ही ज्यादा अपराध के मामले होते है. इंडिया की आबादी 130 करोड़ से भी ज्यादा है इसलिए अपराध का होना स्वाभाविक है. अपराध को कम किया जा सकता है लेकिन इसे पूरी तरह रोक पाना नामुमकिन है. ऐसे में अपराधी को पकड़ने के लिए डीएनए का योगदान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. अगर किसी व्यक्ति पर कोई शक होता है तो उसके डीएनए को अपराध स्थल से लिए गये डीएनए से मैच किया जाता है. इससे बहुत बार असली गुनहगार पकड़ में आ जाते है और बेक़सूर को न्याय मिलता है. इसके अलावा अगर घटना स्थल पर किसी के गंभीर हालत के कारण उसकी पहचान परिवार या दोस्त नहीं कर पा रहे तब भी डीएनए का इस्तेमाल किया जाता है.

Genetic Engineering:

डीएनए का इस्तेमाल जेनेटिक इंजीनियरिंग में भी होता है. अगर आपको जेनेटिक इंजीनियरिंग की जानकारी नहीं है तो मैं आपको बताना चाहूँगा जेनेटिक इंजीनियरिंग उसे कहते है जब आप किसी डीएनए में कोई बदलाव करते है. जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से डीएनए को अपने हिसाब से बदला जा सकता है. इसके अलावा आप दो अलग जीव के डीएनए को एक साथ मिलाकर दोनों की खूबी एक ही जीव में डाल सकते हो. कृषि क्षेत्र में जेनेटिक इंजीनियरिंग का काफी इस्तेमाल किया जाता है इससे कम समय में फसल उगाया जाता है, ज्यादा पौष्टिक फसल उगाये जाते है, कम खर्चे में अच्छी उपजाऊ, कीट और बीमारी से प्रतिरोध की क्षमता आदि इसके फायदे होते है.

DNA के रोचक तथ्य:

  • सभी मनुष्य का 99.9% डीएनए एक दुसरे से मिलता है बाकि 0.1% ही डीएनए हमें दुसरो से अलग करता है.
  • हमारा 98% डीएनए चिंपांज़ी और 50% डीएनए केला के समान है.
  • इंसान का लगभग 8% डीएनए वायरस से मिलकर बना हुआ है जो पहले कभी हमारे बॉडी के लिए घातक हुआ करता था लेकिन अब इसका असर नहीं दिखाई देता.
  • दुनिया भर का इंटरनेट डाटा सिर्फ 2 ग्राम डीएनए में स्टोर किया जा सकता है.
  • अगर इंसानी डीएनए को एक साथ जोड़ा जाये तो यह इतनी लंबी हो सकती है जितनी धरती से सूरज तक 600 चक्कर.
  • मानव विकास से अब तक हम लगभग 510 डीएनए कोड खो चुके है.
  • रोजाना हमारे कोशिका में कम से कम 10,000 बार डीएनए नष्ट होते है लेकिन हमारा इम्यून सिस्टम इसे तुरंत मरम्मत कर देता है. अगर मरम्मत होने में कोई दिक्कत हो जाये तो कैंसर जैसे रोग की उत्पत्ति होती है.

Final Words:

तो दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में जाना DNA Kya Hai? डीएनए की पूरी जानकारी हिंदी में. इस पोस्ट में हमने डीएनए क्या है के साथ यह भी जाना की डीएनए की खोज, डीएनए की संरचना, डीएनए के कार्य, डीएनए का महत्व आदि. यह पोस्ट उन सभी लोगो के लिए लिखी गयी है जिन्हें डीएनए की बिलकुल भी जानकारी नहीं है. अगर कोई जीवविज्ञान में रूचि रखता है उन्हें इस पोस्ट को पढ़कर बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा. इस पोस्ट को लिखने का मेरा मकसद आप सभी को आसान शब्दों में डीएनए के बारे में अच्छी और सटीक जानकारी देना था. अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया हो तो शेयर जरुर करे.

Hemant Joshi
Hemant Joshi

मेरा नाम हेमंत जोशी है. मैंने दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक किया हुआ है. मुझे टेक्नोलॉजी और एजुकेशन क्षेत्र में काफी दिलचस्पी है. इसलिए इस वेबसाइट पर मैं लोगो को टेक्नोलॉजी तथा करियर से सम्बंधित जानकारी देता हूँ.

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