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दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को ISO के बारे में बताया जयेगा. अगर आप भी ISO फुल फॉर्म के साथ ISO की पूरी जानकारी चाहते हो तो इस पोस्ट को जरुर पढ़े इस पोस्ट में आपको ISO फुल फॉर्म, ISO क्या है, ISO की स्थापना, ISO के फायदे सब जानने को मिलेगा. तो चलिए दोस्तों पहले ISO फुल फॉर्म जान लेते है उसके बाद हम बाकि जानकारी हासिल करेंगे.
ISO Full Form:
ISO का फुल फॉर्म हैं International Organization For Standardization जिसका हिंदी में अर्थ होता हैं आन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन. ISO के बारे में आपको ये जान लेना आवश्क हैं की यह एक तरह का प्रमाणपत्र हैं जो वस्तु या किसी भी संस्था, व्यापारिक संगठनों की गुणवता की पहचान के लिए दिया जाता हैं. ISO की स्थापन 23 फरवरी 1947 में की गई थी. जिसका प्रमुख कार्य दुनिया भर में व्यापार, स्वामित्व, औद्योगिक और वाणिज्यिक मानकों को बढ़ावा देना है. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में स्थित है. इसमे कुल 162 सदस्य देश शामिल है और इसके तीन मुख्य भाषा इंग्लिश, फ्रेंच और रुस्सियन है.
अब हम सरल शब्दों में ISO के कार्य प्रणाली को समझते है. आप सभी जानते हो दुनिया भर में अलग अलग तरह की कंपनियां मोजूद है इसमें बहुत से कंपनी ऐसे भी होंगे जो लोगो को शुद्ध सामान प्रदान करते है और कुछ कंपनी ऐसे भी होंगे जो लोगो को अशुद्ध सामान प्रदान करते होंगे. अब लोगो को यह चयन कर पाना मुश्किल होता है की किस कंपनी पर विश्वास करे और किस पर नहीं इसलिए कंपनी लोगो के विश्वास को जीतने के लिए ISO प्रमाणपत्र लेती है जिसे देने से पहले ISO खुद इस बात की पुष्टि करता है की कंपनी किसी प्रकार से लोगो का नुक्सान तो नहीं कर रही. अगर इस बात की पुष्टि हो जाती है की कंपनी लोगो का किसी प्रकार से नुक्सान नहीं कर रही तब कंपनी को ISO प्रमाणपत्र दिया जाता है. मैं आपके जानकारी के लिए बताना चाहूँगा की 19500 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मानक ISO प्रदान करती है जिसमे हर तरह के उद्योग शामिल है जैसे की टेक्नोलॉजी, खाद्य सुरक्षा, कृषि और स्वास्थ्य देखभाल. कुछ जरुरी ISO अंतरराष्ट्रीय मानक इस प्रकार है:-
- ISO 9000: It is used for standardization of quality management.
- ISO 10012: It is used to measure management system.
- ISO 14000: It is used for standardization of environmental management.
- ISO 19011: It provides a guideline to audit management system.
- ISO 2768-1: It is used to provide the standard for general tolerance.
- ISO 31000: It is a standard for risk management.
- ISO 50001: It is a standard for energy management.
- ISO 4217: It is used for standardization of currency codes.
Final Words:
अगर आप भी आज अपनी कोई नयी कंपनी शुरू करते है तो आपको भी ISO प्रमाणपत्र लेना आवश्यक है. यह प्रमाणपत्र आपके उत्पाद या सेवा की शुद्धता को दर्शाता है. तो दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ आपको आज कुछ नया जानने को मिला होगा अगर आपको हमारा पोस्ट पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करना न भूले.